क्या 2019 मे विपक्षी दल BJP को सत्ता मे आने से रोक पाएगा ?
आजकल देश के हर भाग में चर्चा है कि आने वाले चुनाव में किसकी सरकार बनेगी ? आने वाले चुनाव के लिए सभी पार्टियाँ अपने अपने समीकरण बनाने में लगी है। इन चुनाव में कोई अपनी तरफ से कसर नहीं छोड़ना चाहता ।
हालाँकि देश की राजनीति की सबसे बड़ी पार्टी congress
आज अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है। इसी लिए इसने BJP को सत्ता से दूर रखने क लिए सभी पार्टिया के साथ गठबंधन किया है जिसके द्वारा वह राहुल गांधी को PM पद का दावेदार बनाना चाहती है।
क्या कांग्रेस अपनी हालत की सवय जिम्मेदार है या हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी। मेरे विचार से मोदी जी इसके जिम्मेदार नही है बल्कि विपक्ष के पास एक राष्ट्रीय सतर के नेता का न होना है । ना ही congress आज परिवारवाद से बाहर निकल पा रही है ओर ना ही पार्टी का सही ढग से नेतृत्व हो पा रहा है। ना तो विपक्ष के पास अमित शाह जैसे पार्टी अध्यक्ष है ना ही मोदी के मुकाबले का कोई नेता।
आज भी चुनाव के लिए मुददों की कमी नही है जैसे petrol आज 80 /ltr है ।महगाई , बेरोजगारी,नोटबदी आदि।
लेकिन bjp के कार्यकरता सोहल मिडिया पर active है।ओर जनता से जूडे है।दूसरी तरफ विपक्षी दलों के एसे बयान आते है कि सता दल अपनी हाजिर जवाब होने से उसका फायदा ले लेता है।
अगर 2019 के लिए bjp को रोकना है तो विपक्षी दलों को अपने आपसी मतभेद बुलाकर चुनाव लड़ना होगा ओर PM
पद के लिए एक मजबूत व साफ छवि का नेता चुनाव मैदान मै उतारना होगा।
आजकल देश के हर भाग में चर्चा है कि आने वाले चुनाव में किसकी सरकार बनेगी ? आने वाले चुनाव के लिए सभी पार्टियाँ अपने अपने समीकरण बनाने में लगी है। इन चुनाव में कोई अपनी तरफ से कसर नहीं छोड़ना चाहता ।
हालाँकि देश की राजनीति की सबसे बड़ी पार्टी congress
आज अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है। इसी लिए इसने BJP को सत्ता से दूर रखने क लिए सभी पार्टिया के साथ गठबंधन किया है जिसके द्वारा वह राहुल गांधी को PM पद का दावेदार बनाना चाहती है।
क्या कांग्रेस अपनी हालत की सवय जिम्मेदार है या हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी। मेरे विचार से मोदी जी इसके जिम्मेदार नही है बल्कि विपक्ष के पास एक राष्ट्रीय सतर के नेता का न होना है । ना ही congress आज परिवारवाद से बाहर निकल पा रही है ओर ना ही पार्टी का सही ढग से नेतृत्व हो पा रहा है। ना तो विपक्ष के पास अमित शाह जैसे पार्टी अध्यक्ष है ना ही मोदी के मुकाबले का कोई नेता।
आज भी चुनाव के लिए मुददों की कमी नही है जैसे petrol आज 80 /ltr है ।महगाई , बेरोजगारी,नोटबदी आदि।
लेकिन bjp के कार्यकरता सोहल मिडिया पर active है।ओर जनता से जूडे है।दूसरी तरफ विपक्षी दलों के एसे बयान आते है कि सता दल अपनी हाजिर जवाब होने से उसका फायदा ले लेता है।
अगर 2019 के लिए bjp को रोकना है तो विपक्षी दलों को अपने आपसी मतभेद बुलाकर चुनाव लड़ना होगा ओर PM
पद के लिए एक मजबूत व साफ छवि का नेता चुनाव मैदान मै उतारना होगा।
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